क्या इस बार विजयश्री को धारण कर पायेगी
कांग्रेस
-युवा शक्ति के सहारे ही शिवपुरी विधानसभा में सफल हो पायेगी कांग्रेस
शिवपुरी। अभी हाल ही में होने जा रहे विधानसभा चुनावों पर यदि गौर किया जाए तो पिछले काफी समय से शिवपुरी विधानसभा सीट पर भाजपा ही अनवरत रूप से अपना परचम लहराती चली आ रही है। वहीं कांग्रेस ने शिवपुरी विधानसभा में सीट पर सिर्फ और सिर्फ उप चुनाव में ही परचम लहरा पार्ई हैं। लेकिन इस बार समीकरण बदल सकते है जब कांग्रेस यदि पूराने चेहरों को दरकिनार कर युवा शक्ति को अपने प्रत्याशी के रूप में मैदान उतारे तो शिवपुरी विधानसभा की सीट पर फतेह पाई जा सकती हैं। क्योंकि जातिगत आधार पर यदि गौर किया जाए तो शिवपुरी विधानसभा में ब्राह्मण, वैश्य समुदाय अच्छा खासा वर्चस्व रखती हैं और इन्हीं के प्रत्याशी को ही सफलता मिल सकती हैं।
यहां उल्लेख करना प्रासंगिक होगा कि शिवपुरी विधानसभा में लगातार कांग्रेस पूर्व के विधायक गणेश गौतम को चुनाव मैदान में उतारती रही हैं और उनको हमेशा से पराजय का ही सामना करना पड़ा हैं और भाजपा अपनी जीत दर्ज कराती रही है। यहां उल्लेख करना प्रासंगिक होगा किया शिवपुरी विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशियों में इस समय टिकिट की दौड़ में चल रहे पूर्व विधायक गणेश गौतम, राकेश गुप्ता, शहर अध्यक्ष सिद्धार्थ लढ़ा, रवि वशिष्ठ के नाम सामने आए हैं। यदि इन सभी प्रत्याशियों पुराने कार्यकाल पर नजर दौड़ाई जाए तो गणेश गौतम लगातार तीन बार से विधानसभा चुनाव लड़ते चले आ रहे हैं जिनको पराजय का सामना करना पड़ रहा हैं। वहीं वनस्थली के नाम से यदि गौर किया जाए तो उन्होंने अभी हाल ही में अपनी दम के आधार पर नगर पालिका में अपने प्रत्याशी के रूप में मुन्नालाल कुशवाह को मैदान में उतारा और विजयीश्री हांसिल लेकिन मुन्नालाल के नगर पालिका के कार्यकाल पर यदि गौर किया जाए तो सबसे खराब सामने निकल आया हैं इसके कारण वनस्थली वाले नेता जी की छवि पर भी धुमिल करके रख दी जिससे पूरे विधानसभा में नेता जी छवि भी प्रभावित हो गई जो विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा भी नेता जी को भुगताना पड़ेगा वहीं सिंधिया समर्थक में खासम खास कहे जाने वाले रवि वशिष्ठ पर यदि गौर किया जाए तो यह नेता शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र में भी किसी से पीछे नहीं इन्होंने अपना बर्चस्व अलग से ही कायम कर रखा हैं। क्योंकि समय-समय पर कांग्रेस के जंगी प्रदर्शन से लेकर रैली आंदोलनों में सबसे आगे ही नजर आते हैं और सहज और सरल स्वभाव के धनि के साथ-साथ अपना एक अलग जनाधार बनाकर चल रहे हैं। इनकी पकड़ निचले तबके लोगों पर भी अच्छी खासी हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण करके इन्होंने लोगों के दिलों में जगह बना रखी हैं। इसके आधार पर यह भी एक प्रवल दावेदार के रूप में सामने हैं। वहीं पूर्व में नगर पालिका का प्रत्याशी के रूप में अपनी पत्नि को मैदान में उतार चुके अजय गुप्ता भी किसी से पीछे नहीं हैं वह वैश्य वर्ग से होने के नाते अपनी अच्छी खासी पकड़ रखते हैं। अब देखना यह है कि शिवपुरी विधानसभा में क्या कांग्रेस इस बार पचम फहरा पाती हैं या पूर्व की भांति ही कमजोर घोड़े पर दाव लगाकर पूर्व की भांति टांय-टांय फिस्स होकर रह जाती है।
कांग्रेस
-युवा शक्ति के सहारे ही शिवपुरी विधानसभा में सफल हो पायेगी कांग्रेस
शिवपुरी। अभी हाल ही में होने जा रहे विधानसभा चुनावों पर यदि गौर किया जाए तो पिछले काफी समय से शिवपुरी विधानसभा सीट पर भाजपा ही अनवरत रूप से अपना परचम लहराती चली आ रही है। वहीं कांग्रेस ने शिवपुरी विधानसभा में सीट पर सिर्फ और सिर्फ उप चुनाव में ही परचम लहरा पार्ई हैं। लेकिन इस बार समीकरण बदल सकते है जब कांग्रेस यदि पूराने चेहरों को दरकिनार कर युवा शक्ति को अपने प्रत्याशी के रूप में मैदान उतारे तो शिवपुरी विधानसभा की सीट पर फतेह पाई जा सकती हैं। क्योंकि जातिगत आधार पर यदि गौर किया जाए तो शिवपुरी विधानसभा में ब्राह्मण, वैश्य समुदाय अच्छा खासा वर्चस्व रखती हैं और इन्हीं के प्रत्याशी को ही सफलता मिल सकती हैं।
यहां उल्लेख करना प्रासंगिक होगा कि शिवपुरी विधानसभा में लगातार कांग्रेस पूर्व के विधायक गणेश गौतम को चुनाव मैदान में उतारती रही हैं और उनको हमेशा से पराजय का ही सामना करना पड़ा हैं और भाजपा अपनी जीत दर्ज कराती रही है। यहां उल्लेख करना प्रासंगिक होगा किया शिवपुरी विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशियों में इस समय टिकिट की दौड़ में चल रहे पूर्व विधायक गणेश गौतम, राकेश गुप्ता, शहर अध्यक्ष सिद्धार्थ लढ़ा, रवि वशिष्ठ के नाम सामने आए हैं। यदि इन सभी प्रत्याशियों पुराने कार्यकाल पर नजर दौड़ाई जाए तो गणेश गौतम लगातार तीन बार से विधानसभा चुनाव लड़ते चले आ रहे हैं जिनको पराजय का सामना करना पड़ रहा हैं। वहीं वनस्थली के नाम से यदि गौर किया जाए तो उन्होंने अभी हाल ही में अपनी दम के आधार पर नगर पालिका में अपने प्रत्याशी के रूप में मुन्नालाल कुशवाह को मैदान में उतारा और विजयीश्री हांसिल लेकिन मुन्नालाल के नगर पालिका के कार्यकाल पर यदि गौर किया जाए तो सबसे खराब सामने निकल आया हैं इसके कारण वनस्थली वाले नेता जी की छवि पर भी धुमिल करके रख दी जिससे पूरे विधानसभा में नेता जी छवि भी प्रभावित हो गई जो विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा भी नेता जी को भुगताना पड़ेगा वहीं सिंधिया समर्थक में खासम खास कहे जाने वाले रवि वशिष्ठ पर यदि गौर किया जाए तो यह नेता शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र में भी किसी से पीछे नहीं इन्होंने अपना बर्चस्व अलग से ही कायम कर रखा हैं। क्योंकि समय-समय पर कांग्रेस के जंगी प्रदर्शन से लेकर रैली आंदोलनों में सबसे आगे ही नजर आते हैं और सहज और सरल स्वभाव के धनि के साथ-साथ अपना एक अलग जनाधार बनाकर चल रहे हैं। इनकी पकड़ निचले तबके लोगों पर भी अच्छी खासी हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण करके इन्होंने लोगों के दिलों में जगह बना रखी हैं। इसके आधार पर यह भी एक प्रवल दावेदार के रूप में सामने हैं। वहीं पूर्व में नगर पालिका का प्रत्याशी के रूप में अपनी पत्नि को मैदान में उतार चुके अजय गुप्ता भी किसी से पीछे नहीं हैं वह वैश्य वर्ग से होने के नाते अपनी अच्छी खासी पकड़ रखते हैं। अब देखना यह है कि शिवपुरी विधानसभा में क्या कांग्रेस इस बार पचम फहरा पाती हैं या पूर्व की भांति ही कमजोर घोड़े पर दाव लगाकर पूर्व की भांति टांय-टांय फिस्स होकर रह जाती है।
0 Comments