जिले के चर्चित 14 करोड़ के गणवेश घोटाले के चतले 2 लाख 40 बच्चे गणवेश से रहे वंचित
-सरकार की योजना को पलीता लगाने वाले अधिकारियों के खिलाफ नहीं की आज तक कोई वैधानिक कार्यवाही
-यदि निष्पक्ष जांच हुई तोई खुलेंगी कई पर्तें
शिवपुरी ब्यूरो। जिले से लेकर राजधानी भोपाल के राजनैतिक और प्रशासनिक गलियारों में चर्चा का महौल गर्म कर देने वाले आजीविका मिशन के द्वारा किए गए 14 करोड़ रूपए के ड्रेस घोटाले के कारण शिवपुरी जिले के शासकीय स्कूलों में अध्यननरत लगभग 2 लाख 40 हजार छात्र एवं छात्राओं आज दिनांक तक गणवेशों का वितरण नहीं किया गया। जबकि गणवेशों स्कूलों में 15 सितम्बर तक वितरित की जानी थी। इतने लम्बे घोटाले के चलते एक ओर जहां प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं को जिला प्रशासन व आजीविका मिशन की सांठ गांठ के कारण पलीता लगा हैं। वहीं गरीब, आदिवासी, अन्य समाज के बच्चे गणवेशों से वंचित बने हुए हैं। बताया गया है कि इतने बड़े घोटाले का पर्दाफाश हो जाने के बाद भी जिलाधीश श्रीमती शिल्पा गुप्ता ने जांच कराने तक के आदेश जारी नहीं किया गया। इतने बड़े घोटाले का पर्दाफाश हो जाने के बाद घोटाले के कर्ताधर्ताओं कुछ अपने चहेते समूहों के माध्यम से इंदौर की फर्म से खरीदे गए स्तरहीन कपड़े को समूह की महिला सदस्यों से न सिलवाते हुए टेलरों द्वारा गणवेश को सिलवाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने शिवपुरी जिले के सभी शासकीय स्कूलों में अध्यननरत 2 लाख 40 हजार छात्र एवं छात्राओं को गणवेश वितरित कराने के लिए माह जुलाई में एसआरएलएम के खाते में लगभग 14 करोड़ 40 लाख की राशि भेज दी गई थी। बताया गया है कि इस राशि को एसआरएलएम के द्वारा 176 समूहों को चिन्हित कर उनके खाते में गणवेश तैयार कराने के लिए राशि भेजनी थी। लेकिन विभाग ने ऐसा न करते हुए अपने कुछ चहेते समूहों के खाते में क्षमता से अधिक राशि भेजकर पुन: समूहों से राशि प्राप्त कर ली थी और स्वयं इंदौर की एक फर्म से स्तरहीन कपड़ा खरीद कर गुपचुप तरीके से गणवेश तैयार कराने का कार्य करने लगे। जब इस पूरे घालमेल का मामला उजागर होने पर पता लगा कि विभाग द्वारा गणवेश में लगभग 8 करोड़ से अधिक राशि का घालमेल किया जा रहा है। स्तरहीन कपड़े की गणवेश के कपड़े को देखकर सर्व शिक्षा अभियान के परियोजना अधिकारी शिरोमणी दुबे ने अपने स्कूलों में गणवेश वितरण न होने देने की चेतावनी सीधे तौर पर देते हुए इस पूरे मामले को उजाकर कर दिया गया था। गणवेश घोटाले के उजागर होने के बाद भी जिला प्रशासन ने घोटाले बाजों के खिलाफ आज तक कोई कार्यवाही नहीं की यह चर्चा का विषय हैं।
-सरकार की योजना को पलीता लगाने वाले अधिकारियों के खिलाफ नहीं की आज तक कोई वैधानिक कार्यवाही
-यदि निष्पक्ष जांच हुई तोई खुलेंगी कई पर्तें
शिवपुरी ब्यूरो। जिले से लेकर राजधानी भोपाल के राजनैतिक और प्रशासनिक गलियारों में चर्चा का महौल गर्म कर देने वाले आजीविका मिशन के द्वारा किए गए 14 करोड़ रूपए के ड्रेस घोटाले के कारण शिवपुरी जिले के शासकीय स्कूलों में अध्यननरत लगभग 2 लाख 40 हजार छात्र एवं छात्राओं आज दिनांक तक गणवेशों का वितरण नहीं किया गया। जबकि गणवेशों स्कूलों में 15 सितम्बर तक वितरित की जानी थी। इतने लम्बे घोटाले के चलते एक ओर जहां प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं को जिला प्रशासन व आजीविका मिशन की सांठ गांठ के कारण पलीता लगा हैं। वहीं गरीब, आदिवासी, अन्य समाज के बच्चे गणवेशों से वंचित बने हुए हैं। बताया गया है कि इतने बड़े घोटाले का पर्दाफाश हो जाने के बाद भी जिलाधीश श्रीमती शिल्पा गुप्ता ने जांच कराने तक के आदेश जारी नहीं किया गया। इतने बड़े घोटाले का पर्दाफाश हो जाने के बाद घोटाले के कर्ताधर्ताओं कुछ अपने चहेते समूहों के माध्यम से इंदौर की फर्म से खरीदे गए स्तरहीन कपड़े को समूह की महिला सदस्यों से न सिलवाते हुए टेलरों द्वारा गणवेश को सिलवाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने शिवपुरी जिले के सभी शासकीय स्कूलों में अध्यननरत 2 लाख 40 हजार छात्र एवं छात्राओं को गणवेश वितरित कराने के लिए माह जुलाई में एसआरएलएम के खाते में लगभग 14 करोड़ 40 लाख की राशि भेज दी गई थी। बताया गया है कि इस राशि को एसआरएलएम के द्वारा 176 समूहों को चिन्हित कर उनके खाते में गणवेश तैयार कराने के लिए राशि भेजनी थी। लेकिन विभाग ने ऐसा न करते हुए अपने कुछ चहेते समूहों के खाते में क्षमता से अधिक राशि भेजकर पुन: समूहों से राशि प्राप्त कर ली थी और स्वयं इंदौर की एक फर्म से स्तरहीन कपड़ा खरीद कर गुपचुप तरीके से गणवेश तैयार कराने का कार्य करने लगे। जब इस पूरे घालमेल का मामला उजागर होने पर पता लगा कि विभाग द्वारा गणवेश में लगभग 8 करोड़ से अधिक राशि का घालमेल किया जा रहा है। स्तरहीन कपड़े की गणवेश के कपड़े को देखकर सर्व शिक्षा अभियान के परियोजना अधिकारी शिरोमणी दुबे ने अपने स्कूलों में गणवेश वितरण न होने देने की चेतावनी सीधे तौर पर देते हुए इस पूरे मामले को उजाकर कर दिया गया था। गणवेश घोटाले के उजागर होने के बाद भी जिला प्रशासन ने घोटाले बाजों के खिलाफ आज तक कोई कार्यवाही नहीं की यह चर्चा का विषय हैं।
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