भारतीय शास्त्रीय संगीत ÓरागांजलीÓ का भव्य आयोजन सरस्वती विद्यापीठ आवासीय विद्यालय में
शिवपुरी ब्यूरो। सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा संचालित सरस्वती विद्यापीठ आवासीय विद्यालय में भारतीय शास्त्रीय संगीत पर आधारित भव्य संगीत संध्या ÓरागांजलीÓ का आयोजन किया गया , जिसमें भारत के विभिन्न सुप्रसिद्ध घरानों के कलाकारों ने भारतीय शास्त्रीय गायन एवं वादन जिसमें पखावज, तबला, हारमोनियम, तानपूरा आदि का वादन तथा राग, यमन, तिगल बंदी , ध्रुपद केन्द्र ग्वालियर के गुरूजी पंडित अभिजीत सुखदाणे के शिष्यों द्वारा ध्रुपद गायन, ख्याल गायन आदि की अनुपम प्रस्तुति दी गई । इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान के उपाध्यक्ष एवं जिला शिक्षा परियोजना अधिकारी श्री शिरोमणि दुबे एवं विशिष्ट अतिथि मध्यप्रदेश शासन के मछुआ कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री राजू बाथम रहे एवं अध्यक्षता अन्तर्राष्ट्रीय ख्याल गायक एवं जनरल डायरेक्टर आल इंडिया रेडियो नई दिल्ली पंडित नरेश मल्होत्रा रहे । इस संगीत संध्या का शुभारंभ माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर सरस्वती वंदना से किया गया , अतिथियों का स्वागत विद्यालय के प्राचार्य श्री पवन शर्मा द्वारा स्मृति चिन्ह एवं श्रीफल भेंट कर किया गया । सभी कलाकारों का परिचय ध्रुपद केन्द्र ग्वालियर के कलाकार श्री देवेन्द्र सिंह राजपूत ने कराया । कार्यक्रम की प्रथम प्रस्तुति श्री तिरुपति कला संगीत महाविद्यालय के कलाकारों द्वारा राग यमन प्रस्तुत किया विकास सोनी, कु.चंचल सोनी का गायन जिनके साथ पवन गोस्वामी तबला पर तथा विवेक कुमार जैन द्वारा हारमोनियम पर संगत की गई, द्वितीय प्रस्तुति ध्रुपद गायन तिगल बंदी देवेन्द्र सिंह राजपूत, राहुल शाक्य, सुदीप भदौरिया द्वारा गायन किया गया जिनके साथ पखाबज पर पंडित संजय पंत आगले इंदौर के नाना पानसे घराने से एवं तानपूरा पर आदित्य शर्मा एवं कु.आकांक्षा भोंडेले द्वारा संगत की गई तृतीय प्रस्तुति कु .यखलेश बघेल के ध्रुपद गायन के साथ पखावज पर पंडित संजय पंत आगले एवं तानपूरा पर संगत आकांक्षा भोंडेले एवं आदित्य शर्मा ने की गई चतुर्थ प्रस्तुति ध्रुपद गायन अनुज प्रताप सिंह द्वारा किया गया जिनके साथ पंडित संजय पंत आगले एवं तानपूरा पर संगत आकांक्षा भोंडेले एवं आदित्य शर्मा ने की गई अंतिम अध्यक्षीय प्रस्तुति दिल्ली से पधारे हुए पंडित नरेश मल्होत्रा जो इंदौर घराने के वर्तमान प्रतिनिधि गायक है के द्वारा ख्याल गायन गाया गया जिनके साथ तबला पर पंडित जगत नारायण शर्मा तानपूरा पर संगत आकांक्षा भोंडेले एवं आदित्य शर्मा ने की । कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री शिरोमणि दुबे ने कहा कि विद्याभारती के पाँच आधारभूत विषयों में से एक संगीत शिक्षा है जो मनोमय कोष को समृद्ध कर आनंदमय कोष को विकसित करता है भारतीय शास्त्रीय संगीत विश्व प्रसिद्ध एवं अद्वितीय है जिसका वखान वेदों में मिलता है तथा इसमें ईश्वर की आराधना भी मिलती है, पश्चिमी अवधारणाओं में मनुष्य को वासनाओ का पुतला माना गया है जबकि भारतीय दर्शन में मनुष्य को पंचतत्व का संरक्षक कहा है मनुष्य मन , प्राण, बुद्धि, आत्मा से बनता है मन का समर्पण ही सर्वश्रेष्ठ समर्पण है मनोमय कोष को समृद्ध करने के एवं शास्त्रीय संगीत के परिचय एवं प्रचार प्रसार के उद्देश्य से ही इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।
शिवपुरी ब्यूरो। सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान मध्यप्रदेश भोपाल द्वारा संचालित सरस्वती विद्यापीठ आवासीय विद्यालय में भारतीय शास्त्रीय संगीत पर आधारित भव्य संगीत संध्या ÓरागांजलीÓ का आयोजन किया गया , जिसमें भारत के विभिन्न सुप्रसिद्ध घरानों के कलाकारों ने भारतीय शास्त्रीय गायन एवं वादन जिसमें पखावज, तबला, हारमोनियम, तानपूरा आदि का वादन तथा राग, यमन, तिगल बंदी , ध्रुपद केन्द्र ग्वालियर के गुरूजी पंडित अभिजीत सुखदाणे के शिष्यों द्वारा ध्रुपद गायन, ख्याल गायन आदि की अनुपम प्रस्तुति दी गई । इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सरस्वती विद्या प्रतिष्ठान के उपाध्यक्ष एवं जिला शिक्षा परियोजना अधिकारी श्री शिरोमणि दुबे एवं विशिष्ट अतिथि मध्यप्रदेश शासन के मछुआ कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष श्री राजू बाथम रहे एवं अध्यक्षता अन्तर्राष्ट्रीय ख्याल गायक एवं जनरल डायरेक्टर आल इंडिया रेडियो नई दिल्ली पंडित नरेश मल्होत्रा रहे । इस संगीत संध्या का शुभारंभ माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर सरस्वती वंदना से किया गया , अतिथियों का स्वागत विद्यालय के प्राचार्य श्री पवन शर्मा द्वारा स्मृति चिन्ह एवं श्रीफल भेंट कर किया गया । सभी कलाकारों का परिचय ध्रुपद केन्द्र ग्वालियर के कलाकार श्री देवेन्द्र सिंह राजपूत ने कराया । कार्यक्रम की प्रथम प्रस्तुति श्री तिरुपति कला संगीत महाविद्यालय के कलाकारों द्वारा राग यमन प्रस्तुत किया विकास सोनी, कु.चंचल सोनी का गायन जिनके साथ पवन गोस्वामी तबला पर तथा विवेक कुमार जैन द्वारा हारमोनियम पर संगत की गई, द्वितीय प्रस्तुति ध्रुपद गायन तिगल बंदी देवेन्द्र सिंह राजपूत, राहुल शाक्य, सुदीप भदौरिया द्वारा गायन किया गया जिनके साथ पखाबज पर पंडित संजय पंत आगले इंदौर के नाना पानसे घराने से एवं तानपूरा पर आदित्य शर्मा एवं कु.आकांक्षा भोंडेले द्वारा संगत की गई तृतीय प्रस्तुति कु .यखलेश बघेल के ध्रुपद गायन के साथ पखावज पर पंडित संजय पंत आगले एवं तानपूरा पर संगत आकांक्षा भोंडेले एवं आदित्य शर्मा ने की गई चतुर्थ प्रस्तुति ध्रुपद गायन अनुज प्रताप सिंह द्वारा किया गया जिनके साथ पंडित संजय पंत आगले एवं तानपूरा पर संगत आकांक्षा भोंडेले एवं आदित्य शर्मा ने की गई अंतिम अध्यक्षीय प्रस्तुति दिल्ली से पधारे हुए पंडित नरेश मल्होत्रा जो इंदौर घराने के वर्तमान प्रतिनिधि गायक है के द्वारा ख्याल गायन गाया गया जिनके साथ तबला पर पंडित जगत नारायण शर्मा तानपूरा पर संगत आकांक्षा भोंडेले एवं आदित्य शर्मा ने की । कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री शिरोमणि दुबे ने कहा कि विद्याभारती के पाँच आधारभूत विषयों में से एक संगीत शिक्षा है जो मनोमय कोष को समृद्ध कर आनंदमय कोष को विकसित करता है भारतीय शास्त्रीय संगीत विश्व प्रसिद्ध एवं अद्वितीय है जिसका वखान वेदों में मिलता है तथा इसमें ईश्वर की आराधना भी मिलती है, पश्चिमी अवधारणाओं में मनुष्य को वासनाओ का पुतला माना गया है जबकि भारतीय दर्शन में मनुष्य को पंचतत्व का संरक्षक कहा है मनुष्य मन , प्राण, बुद्धि, आत्मा से बनता है मन का समर्पण ही सर्वश्रेष्ठ समर्पण है मनोमय कोष को समृद्ध करने के एवं शास्त्रीय संगीत के परिचय एवं प्रचार प्रसार के उद्देश्य से ही इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।
0 Comments