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भारतीय किसान संघ का ज्ञापन लेने जिलाधीश नहीं आई चेंबर से बाहर

भारतीय किसान संघ का ज्ञापन लेने जिलाधीश नहीं आई चेंबर से बाहर
-विधायक भारती ने भी दिया किसानों का साथ
-कलेक्टर की हठधर्मिता, दूसरा मामला आया सामने
शिवपुरी ब्यूरो। शिवपुरी कलेक्टर शिल्पा गुप्ता अपनी हठधर्मिता के लिए जाने जाने लगी है क्योंकि कुछ समय पूर्व ही उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र एवं छात्राओं का ज्ञापन अपने चेंबर से बाहर लेने से इन्कार कर दिया था जिसके चलते लगभग 3 घंटे तक एक हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा और आज सोमवार को भारतीय किसान संघ के द्वारा अपनी मांगों को लेकर जिला कलेक्टर शिल्पा गुप्ता के लिए ज्ञापन देने के लिए चेंबर से बाहर 2 घंटे तक बैठे रहे यहां पर कलेक्टर शिल्पा गुप्ता के द्वारा इनके साथ वहीं व्यवहार किया और ज्ञापन लेने बाहर तक नहीं आई। लेकिन कलेक्टर गेट परिसर पर ताला लगाकर मुर्दाबाद के नारे सुनती रही इस मामले में पोहरी के विधायक प्रहलाद भारती भी किसानों के आंदोलन में शामिल हो गए और वह 20 मिनट तक किसानों के साथ आंदोलन करते रहे पर कलेक्टर शिल्पा गुप्ता के द्वारा चेंबर के आना भी मुनासिब नहीं समझा जब पूरा मामला बढ़ता देख विधायक भारती उल्टे पाव वापस लौट गए कलेक्टर शिल्पा गुप्ता की हठधर्मिता के चलते विधायक भारती ने भी ऊपर शिकायत करने की बात कहीं अब देखते हैं कि शिवपुरी जिले में कलेक्टर शिल्पा गुप्ता की हठधर्मिता तब तक कायम रहेगी।

जिला एवं पुलिस प्रशासन के लगे मुर्दाबाद के नारे
जिलाधीश परिसर में आज उस समय हंगामा खड़ा हो गया जब किसान के कार्यकर्ता किसानों की समस्याआ को लेकर सात सूत्रीय एक ज्ञापन देने पहुंचे तो उन्होंने जिलाधीश को ज्ञापन देने की बात कहीं जिस पर जिलाधीश पांच लोगों का दल जिलाधीश के कक्ष में बुलाने बात पर उन्होंने कहा कि हम सभी लोग एक साथ ज्ञापन देने ग्रामीण क्षेत्र से आए हैं। तो हमारे साथियों की समस्याय जिलाधीश बाहर आकर ही सुनें तभी हम ज्ञापन देंगे। जिस पर जिलाधीश बाहर नहीं आई और यह कार्यकर्ता आक्रोशित लहजे में कहा कि हम ज्ञापन बाहर ही देंगे। जिस पर सभी कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए यह धरना लगातार चार घंटे तक चलता रहा जिसमें पोहरी के विधायक ने किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए साथ दिया और कहाकि किसानों की समस्याओं को तत्काल सुनना चाहिए। लेकिन जिलाधीश पांच घंटे बाद सभी लोगों को जिलाधीश कक्ष में बुलाया तब जाकर समस्याओं को सुना।

यह थी किसानों की समस्यायें
अतिवृष्टि से किसानों की फसल नष्ट हो गई हैं एवं किसानों के मकान भी गिर गए हैं लेकिन प्रशासन ने किसी भी जिम्मेदार अधिकारी द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण नहीं किया है। उदाहरण के तौर पर ग्राम पंचायत करमाजकला में अतिवृष्टि एवं बाढ के चलते फसल नष्ट हो गई गई हैं। एवं अनेक मकान गिर गए हैं इन मकानों में कैसे किसान रहे। साथ जिले भर नष्ट फसल का सर्वे कराया जाए। वहीं जिले भर में किसानों द्वारा किराए गए फसल बीमा की प्रीमियम राशि से भी कम मुआवजा दिया जा रहा हैं कि किसानों के साथ भद्दा मजाक किया जा रहा है। जिले की मंडियों में आढ़त दो प्रतिशत की राशि बसूली जा रही है। वहीं सोसायटियों द्वारा पंजीयन के नाम पर 100 से 500 रूपए की अवैध बसूली की जा रही है। यह पंजीयन नि:शुल्क किया जाए वहीं सूखा राहत राशि वितरण में भारी अनियमिततायें की जा रही है। पटवारियों राहत राशि के नाम पर हजारों रूपए की बसूली की जा रही है। रूपए नहीं देने पर भेदभाव किया जा रहा है। शिकायत के बाद भी दोषियों पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। जिसकी जांच कराई जाए। वहीं चना का बोनस एवं प्याज व लहसुन की भावांतर राशि के भुगतान में बिलम्ब किया जा रहा है। जिससे किसानों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अत: उक्त राशियों का शीघ्र करवाया जाए जिससे किसान आगामी फसलों की तैयारियां कर सकें। 
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