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काले झण्डे दिखाने गए सपाक्स आंदोलनकारियों पर भारी पड़े विधायक भारती

काले झण्डे दिखाने गए सपाक्स आंदोलनकारियों पर भारी पड़े विधायक भारती
-नहीं बांधी काली पट्टी और कहा तुम्हारे कहने से नहीं चलूंगा मैं
शिवपुरी ब्यूरो। एससी-एसटी एक्ट के विरोध में जनप्रतिनिधियों का विरोध कर रहे सर्वजन युवा शक्ति मोर्चा और सपाक्स संगठन के लगभग आधा सैकड़ा नवयुवक विधायक प्रहलाद भारती के निवास स्थान पर नारेबाजी करते हुए काले झण्डे दिखाने पहुंचे, लेकिन विधायक भारती ने काफी दृढ़ता के साथ उनके समक्ष अपनी बात रखी और कहा कि मैं विधानसभा में उनके कहने से नहीं, बल्कि जो ठीक लगता है वह बात रखूंगा। जहां तक कानून के दुरुपयोग का सवाल है तो दुरुपयोग एससी-एसटी एक्ट का कांग्रेस शासन काल में भी हुआ था। विधायक के आक्रामक तेवर देखकर सपाक्स आंदोलनकारी उनके हाथ पर काली पट्टी बांधने की हिम्मत नहीं दिखा सके, बल्कि नाश्ता कर उन्होंने वहां से अपनी रवानगी डाल दी।
हुआ यह कि आज सुबह सपाक्स आंदोलनकारी पोहरी विधायक प्रहलाद भारती के कोर्ट रोड स्थित निवास स्थान पर पहुंचे। आंदोलनकारी जोरशोर से नारे लगा रहे थे कि हम हैं माई के लाल, काला कानून वापस लो वापस लो। आंदोलनकारियों ने विधायक भारती को ज्ञापन भी सौंपा जिसमें एससी-एसटी एक्ट को वापस लेने की मांग की गई थी। विधायक भारती ने अपने जवाब में कहा कि मैं इस मामले में विधानसभा में अपने विचार व्यक्त करूंगा और मेरे विचार आपसे प्रेरित नहीं होंगे, बल्कि वह किसी से भी प्रेरित नहीं होंगे और मेरे स्वयं के होंगे। मैं इस कानून के बारे में क्या सोचता हूं यह भारत के नागरिक के रूप में मेरी अपनी सोच है। आंदोलनकारी विधायक भारती के दवाब में इस हद तक थे कि उन्होंने उनसे यह पूछने की हिम्मत भी नहीं जुटाई कि अब यह मामला विधानसभा में किस हैसियत से उठाएंगे, क्योंकि वर्तमान विधानसभा का सत्र अब होना नहीं है और 2018 के चुनाव में पहले तो विधायक भारती को टिकट मिले और फिर वह जीतें तब वह विधानसभा में जाएंगे, लेकिन विधायक भारती ने अपना टिकट और जीत दोनों पक्की कर ली और आंदोलनकारी इस विषय में विधायक भारती को निरुत्तर भी नहीं कर पाए।
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अमित शाह को शिवपुरी में नहीं घुसने देंगे
सपाक्स आंदोलन से जुड़े युवा नेता बृजेश तोमर ने बताया कि एससी-एसटी एक्ट के विरोध में वह शिवपुरी में किसी भी बड़े जनप्रतिनिधि को नहीं घुसने देंगे। जब उनसे पूछा गया कि 25 सितम्बर को शिवपुरी में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह आ रहे हैं तो उनका जवाब था कि वह उन्हें न तो शिवपुरी में घुसने देंगे और न उनका कोई कार्यक्रम होने देंगे। उन्हें बोलने का अधिकार नहीं है, क्योंकि जब एससी-एसटी एक्ट का संशोधन संसद में पारित हो रहा था तो श्री शाह सहित सभी 795 जनप्रतिनिधि गंधारी और धृतराष्ट्र की तरह मूक बने रहे। आंदोलन से जुड़े नीरज तोमर ने तो यहां तक कहा कि चाहे हमें अपने शरीर पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह करना पड़े, लेकिन किसी भी बड़े जनप्रतिनिधि को न तो शहर में घुसने देंगे और न ही उनका कोई कार्यक्रम होने देंगे। 
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