स्कूली बच्चों काड्रेस घोटाला: फिर गरमाया जांच की मांग ने जोर पकड़ा
-कांग्रेस और अभाविप के बाद साहित्य परिषद का ज्ञापन आज
अभी तक बच्चों को नहीं मिली एक भी जोड़ ड्रेस
जिले में स्कूली बच्चों के ड्रेस के नाम पर जो बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है उसे लेकर अब प्रशासन को ज्ञापन सौपा जाएगा। अखिलभारतीय साहित्य परिषद के द्वारा इस ज्ञापन के माध्यम से प्रशासन से मामले की अविलम्ब जांच कर जहां दोषियोंं के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की जाएगी साथ ही स्कूली बच्चों को उच्च गुणवत्ता की स्कूल ड्रेस भी शीघ्र मुहैया कराई जाने की पुरजोर मांग की जाएगी। साहित्य परिषद के अध्यक्ष आशुतोष शर्मा का कहना है कि ज्ञापन दोपहर 12 बजे डीएम को सौंपा जाएगा। यहां बता दें कि इससे पूर्व कांग्रेस और अभाविप भी ड्ऱेस काण्ड को लेकर प्रशासन को अलग अलग ज्ञापन सौप चुकी हैं।
इस ड्रेस घोटाले के कारण जिले के बच्चों को अगस्त में बंटने वाली ड्रेस आज अक्टूबर माह तक नहीं मिल पाई है। इस घोटाले की गूंज अब विधानसभा चुनावों में बड़ा मुद्दा बनती दिखाई दे रही है। घोटाले में अफसरों पर जांच की आंच आती दिखाई दे रही है। आरोप है कि यह घोटाला राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अधिकारियों ने अपने निज हित को साधने के लिए कर डाला। अधिकारियों ने 2 लाख 40 हजार बच्चों की ड्रेसों के आई 14 करोड़ 40 लाख की राशि स्वीकृत हुई जिसमें प्रत्येक बच्चे को 600 रुपए में दो ड्रेस देनी थीं। आरोप है कि इस बजट में से अधिकारियों द्वारा करीब 7 करोड़ रुपए खुर्दबुर्द करने का प्लान किया इन ड्रेसों को बच्चों के लिए 15 सितम्बर तक बंटाना था लेकिन अधिकारी अपनी जेब भराई करने में ही लगे रहे और अब ड्रेस बनना शुरू हुआ है जो कि दोयम दर्जे के कपड़े से बनवाई जा रही हैं जबकि डे्रस में प्रयुक्त किए जाने वाले कपड़ में 67 प्रतिशत पालिएस्टर और 33 प्रतिशत काटन मिक्स होना चाहिए था यहां 100 प्रतिशत पालिएस्टर की एक मुश्त खरीदी कर डाली गई और स्वसहायता समूहों को दर किनार कर दिया गया।
बच्चों को यूनिफ ार्म सिलकर देने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत संचालित महिलाओं के स्व सहायता समूहों को दी है। स्व सहायता समूहों के खातों में राशि जारी करने राज्य शिक्षा केन्द्र 80 फीसदी बजट एनआरएलएम को पहले ही जारी कर चुका है। ताकि समूहों द्वारा स्वयं कपड़ा खरीदा जाए और ड्रेस सिलकर स्कूलों में वितरित की जाएं लेकिन आजीविका मिशन के अधिकारियों ने स्वयं कपड़ा खरीद लिया है। जबकि स्व सहायता समूहों की महिलाओं को इस बात की खबर तक नहीं, स्कूलों में 2 लाख 40 हजार छात्र.छात्राओं को 15 सितंबर तक स्कूल ड्रेस सिलकर वितरित करना थीं अब एनआरएलएम के अधिकारियों का कहना है कि 30 अक्टूबर तक स्कूलों में बच्चों को यूनिफ ार्म उपलब्ध कराना है।
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