मातृभाषा में शिक्षा आधुनिक भारत की नितांत आवश्यकता: शिवशंकर
-सरस्वती विद्यापीठ आवासीय विद्यालय में हिन्दी दिवस पर हुआ व्याख्यान
शिवपुरी ब्यूरो। जन कल्याण न्यास शिवपुरी के तत्वाधान में सरस्वती विद्यापीठ आवासीय विद्यालय में हिन्दी दिवस के अवसर पर व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में शिवशंकर प्रान्तीय कार्यकारिणी सदस्य एवं परिचय पवन शर्मा प्राचार्य द्वारा कराया गया । कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती के चित्र पर मार्ल्यापण एवं दीप प्रज्वलन के साथ सरस्वती वंदना से किया गया । मंचस्थ अतिथियों का स्वागत राजकुमार शर्मा एवं नन्दकिशोर शर्मा ने श्रीफल एंव स्मृति चिन्ह भेंट कर किया। इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिवशंकर ने कहा कि मातृभाषा में शिक्षा आधुनिक भारत की नितान्त आवश्यकता है प्रत्येक व्यक्ति को अपनी मातृभाषा पर गर्व करना चाहिए। मुझे गर्व है कि मेरी मातृभाषा हिन्दी है और दूसरी गर्व की बात है कि मेरी मातृभाषा हिंदी मेरे देश की राजभाषा है। आज 14 सितंबर हिंदी दिवस है। 14 सितंबर 1949 को भारत की संविधान सभा ने सर्वसम्मति से हिंदी को देश की राजभाषा घोषित किया। बड़े गर्व की बात है कि आज संपूर्ण भारतवर्ष में लगभग 70 से 80 करोड लोग हिन्दी बोलते हैं या समझते हैं, लिखते हैं और भी प्रसन्नता की बात दुनिया के लगभग 90 देशों में हिन्दी बोलने वाले हिंदी लिखने वाले और हिंदी समझने वाले हैं आने वाली 14 सितंबर को हिंदी दिवस के अवसर पर हम भारतवासियों को संकल्प लेना चाहिए कि हम अपनी अपनी मातृभाषा मैं अपने बच्चों को शिक्षा दिलाएंगे।अपनी अपनी मातृभाषा में हम पत्र व्यवहार करेंगे, अपनी अपनी मातृभाषा में हम हस्ताक्षर करेंगे और दूसरों की मातृभाषा का सम्मान करेंग । लेकर फ्रांस, और जर्मनी से लेकर जापान तक सभी लोग अपनी मातृभाषा का प्रयोग करने में गर्व महसूस करते हैं..हम को भी उनसे कुछ सीख लेनी चाहिए और गुलामी की मानसिकता से निकलकर हिंदी को उचित सम्मान देकर इसका ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करना चाहिए । कार्यक्रम का संचालन पुरूषोत्तम शर्मा एवं आभार देशबंधु गौतम द्वारा प्रकट किया गया । इस अवसर पर समस्त आचार्य एवं छात्र उपस्थित रहे ।
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