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इस रूट पर सबसे पहले चल सकती है बुलेट ट्रेन

इस रूट पर सबसे पहले चल सकती है बुलेट ट्रेन

Publish Date:Sat, 01 Sep 2018 09:41 AM (IST)
इस रूट पर सबसे पहले चल सकती है बुलेट ट्रेन
परियोजना पूरी होने का ज्यादा यथार्थवादी समय सीमा 2023 हो सकती है।
अहमदाबाद। भारत की पहली महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना के देरी से चलने के संकेत हैं। सूत्रों के मुताबिक, ऐसी स्थिति में रेलवे 50 किलोमीटर मार्ग पर सूरत और बिल्लीमोरा के बीच इस हाई स्पीड ट्रेन की शुरुआत करने की कोशिश कर रहा है।
परियोजना पर अमल कर रही एजेंसी नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लि. (एनएचएसआरसीएल) के सूत्रों ने बताया है कि 508 किलोमीटर लंबी यह परियोजना यदि 75वें स्वाधीनता दिवस, 15 अगस्त, 2022 तक पूरी नहीं होती तो गुजरात में सूरत से बिल्लीमोरा के बीच 50 किलोमीटर के मार्ग को चालू कर दिया जाएगा। उनका कहना है कि परियोजना पूरी होने का ज्यादा यथार्थवादी समय सीमा 2023 हो सकती है।
एनएचएसआरसीएल के सूत्र ने बताया- "बुलेट ट्रेन परियोजना की बाधा सिर्फ जमीन अधिग्रहण ही नहीं है। इसकी प्रक्रिया और विस्तृत योजना भी अभी बन रही है। हमारा आकलन है कि लक्ष्य एक साल से चुकेगा। कुल 508 किलोमीटर की यह परियोजना 2023 के तक पूरी हो पाएगी।"
बुलेट ट्रेन की पटरी में दरार का तुरंत पता चलेगा
देश में पहली बार रेल पटरियों में दरार का पता लगाने वाला ऑटोमैटिक सिस्टम बुलेट ट्रेन मार्ग पर लगेगा। अहमदाबाद-मुंबई के बीच 508 किमी लंबे मार्ग पर चलने वाली बुलेट ट्रेन को हादसों से बचाने के लिए यह सिस्टम लगेगा। बुलेट ट्रेनों में अत्याधुनिक फायर डिटेक्शन सिस्टम व एंटी डिरेलमेंट सिस्टम लगेगा। यह भूकंप संबंधी हादसों से बचाव के काम आएगा।
मौजूदा ट्रेनों में ये सिस्टम नहीं हैं, लेकिन बुलेट ट्रेन की रफ्तार, जो कि अधिकतम 320 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी, को देखते हुए उसमें इन्हें लगाया जाएगा। बुलेट ट्रेन परियोजना को लागू करने वाले नेशनल हाई स्पीड रेल कार्पोरेशन की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में 1.08 लाख करोड़ की लागत वाली बुलेट ट्रेन योजना की प्रौद्योगिकी विशेषताओं को बताया गया है।
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